ब्रह्मचर्य टूटने का पांचवा कारण – विवाहेत्तर संबंध

5. विवाहेत्तर संबंध (Extra Marital Affair)

विवाह से पहले जिन असंयमी लोग की गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड बनाने की आदतें रहती हैं वे लोग अपनी यह आदत विवाह के पश्चात भी सरलता से नहीं छोड़ पाते हैं।

क्योंकि इतने सारे गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड के संबंध रखने के पश्चात उसी की प्रैक्टिस हो जाती है कि थोड़े समय एक व्यक्ति के साथ रहने के बाद जैसे ही ऊब जाओ नया व्यक्ति चाहिए।

और ऐसा भी नहीं है कि एक ज़िम्मेदार पुरुष की तरह विवाह करके उसकी ज़िम्मेदारी उठाए। ऐसे असंयमी पुरुष अधिकतर पत्नी, परिवार और समाज से छुप छुपकर अन्य स्त्रियों से मिलते है और उनसे शारीरिक संबंध बनाते है। यह पूर्ण रूप से कायरता है।

यदि सच में आपको एक से अधिक पत्नियाँ चाहिए है तो भी, सर्वप्रथम तो आप उस स्तर के मान मर्यादा और सक्षमतावाले व्यक्ति होने चाहिए कि लड़की के पिता अपनी बेटी का आपके साथ दूसरी पत्नी के रूप में विवाह करवाएँ।

यह संपूर्ण रूप से शास्त्र सम्मत और धर्मानुकूल है।

हमेशा से राजा महाराजा, ऋषि मुनि आदि समृद्ध पुरुष को अन्य राजा महाराजा आदि अपनी 10-10 पुत्रियों को एकसाथ भी वरण करवाते आए हैं।

क्योंकि हर पिता चाहता है कि उसकी बेटियाँ किसी साहसी, संयमी, सक्षम और सम्मानित धर्मी की शरण में जाए। जहां उन्हें उनके भरण, पोषण, रक्षण, कल्याण और संतति के भविष्य की कोई चिंता न रहे। न की किसी लल्लू पंजू की शरण में जिसके स्वयं के सुख, सम्मान और संरक्षण के ठिकाने नहीं है।

परंतु आज के अधिकतर पुरुष 10 तो क्या एक पत्नी की भी ज़िम्मेदारी ढंग से नहीं उठा पाते हैं। इसीलिए सम्मान से विवाह न करके, छुप छुप कर अधर्म से अन्य स्त्रियों को बिना उनके भरण, पोषण, रक्षण आदि की ज़िम्मेदारी उठाए उनका भोग करने के लिए विवाहेत्तर संबंध बनाते है।

और जब वो भी नहीं कर पाते तो फिर करते है……………

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